The Greatest Guide To kahani story moral

उसने अपने भाई-बहनों की पढ़ाई के लिए भी पैसे दिए।

उस के पिताजी बेहद ही वृद्ध और सरल, निश्चल स्वभाव के व्यक्ति थे।

जब उसने अपनी इस परेशानी के बारे में राजा अकबर को बतायी, तब महाराज अकबर ने अपने सबसे चतुर मंत्री बीरबल को इस परेशानी का हल खोजने का दायित्व दिया। यह सुनकर बीरबल ने एक चतुर योजना के बारे में सोचा और व्यापारी के नौकरों को बुलाया।

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राम उसके इस प्रकार की धोखाधड़ी से बहुत चिंतित था। श्याम से परीक्षा में फेल होने की बात भी कही मगर श्याम ने नहीं माना। एक दिन की बात है श्याम स्कूल जा रहा था, उसके दोस्त मिल गए और उन्होंने कहा आज स्कूल नहीं जाना है। हम सभी अपने दोस्त हरि का जन्म दिवस मनाएंगे और बाहर खाना-पीना करेंगे और खूब मजे करेंगे। पहले तो श्याम ने मना किया किंतु दोस्तों के बार-बार बोलने पर वह उनके साथ चला गया। श्याम और उसके मित्रों ने खूब पार्टी करी और उस दिन स्कूल नहीं गये। इस प्रकार का काम वह और उसके दोस्त निरंतर करते रहते।

उसी दिन, राम check here के खेत में एक आदमी आया। वह एक अमीर व्यापारी था। उसने राम की फसल को देखा और उसे बहुत दया आई। 

उसने सोचा कि मैं ने उस बीमार इंसान के रूप में भगवान की मदद करी थी, जिससे भगवान ने उससे प्रसन्न होकर यह धन उसको दिया।

हमारे समाज में ऐसे अनेक महापुरुषों के उदहारण मिल जायेगे तो की इस समाज के लिए जिये जिस कारण से उन्हें हर कोई जानता है जो सिर्फ अपने लिए जीते है वे अपने जीवन को एक निश्चित ही दायरे में जिक्र चले जाते है फिर उनके बाद उन्हें कोई नही याद करता जबकि जो लोग समाज के लिए जीते है वे इतिहास बनाकर भले ही इस दुनिया से चले जाते हो लेकिन वे हमेसा ही सबके लिए में याद रहते है,

पांचो पुत्र बहुत हैरान हुए और उन्होंने पिता से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया। फिर उसने कहा, वे सब लाठियां एक साथ इकट्ठी थी, सो उन में इतना बल था कि सारा गट्ठर तुमसे से न टूटा। लेकिन जब एक एक लाठी अलग हो गई, तो उसे दूसरी छड़ियों के बल से सहारा नहीं मिला। तो यह तुरंत टूट गया।

एक दिन की बात है, अरुण को खेलते खेलते चोट लग गई। अरुण के दोस्तों ने अरुण को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर अरुण को मालिश किया गया।

राम ने अपना कर्ज चुका दिया और अपने परिवार के लिए एक नया घर बनाया। वह अब बहुत खुश था। उसने व्यापारी की मदद के लिए उसे धन्यवाद दिया।

अगले दिन बीरबल ने सभी नौकरों को सम्राट के दरबार में फिर से बुलाया। उसने देखा कि एक नौकर की छड़ी दूसरों की तुलना में दो इंच छोटी थी।

एक छोटे से गांव में श्यामू नाम का एक किसान रहता था। श्यामू बहुत मेहनती था और अपने खेतों में विभिन्न प्रकार के अनाज उगाता था। उसकी फसलें हमेशा अच्छी होती थीं क्योंकि वह मेहनत और समझदारी से खेती करता था। श्यामू का परिवार उसकी मेहनत पर गर्व करता था, लेकिन गांव के कुछ लोग उसे ईर्ष्या की दृष्टि से देखते थे। 

पास से ही, एक गीदड़ वहाँ से गुजर रहा था और उसने भूखे गधे को देखा। “क्या हुआ, गधा?

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